सिर्फ मच्छरों के काटने से प्रति वर्ष लगभग 8.5 लाख लोगों की मौत होती है. जिसमें से मलेरिया से 90 फीसद लोग अफ्रीका के सहारा क्षेत्र से मारे जाते हैं. मच्छरों से होने वाली यह बीमारी प्रति वर्ष लाखों लोगों को अपना शिकार बना लेती है. यह ऐसी बीमारी है जिसके प्रति अगर आप पहले से जागरूक हो जाएं तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
विकासशील देशों में भी मलेरिया मौत का पैगाम बनकर सामने आता है. प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक मादा एनोफिलीज मच्छर होते हैं. यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक कीटाणु फैला देते हैं.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की रिपोर्ट के अनुसार मच्छरों से होने वाली बीमारी के प्रति वर्ष लगभग 8.5 लाख लोगों की जानें जाती है. इस रोग को नियंत्रित करने के लिए हमें अधिक से अधिक उपाय करने होंगे. ताकि इस गंभीर बीमारी पर लगाम कसा जा सके. खासकर ग्रामीण अंचलों में इसको लेकर अधिक से अधिक उपाय व जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है.
ऋतु परिवर्तन (Climate Change)
अक्सर देखा जाता है कि ऋतु परिवर्तन के दौरान मच्छरों की संख्या में वृद्धि हो जाती है. मच्छरों की संख्या बढ़ने से मच्छरजनित रोगों में भी इजाफा होता है. मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां असावधानी बरतने से भी होती है. इसलिए जब कभी मौसम बदलने के दौरान आपको बुखार आए तो समय नष्ट किये बगैर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं. सावधानी बरत कर भी मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है. इसके लिए सभी में जागरुकता का होना बहुत जरूरी है.
मलेरिया जैसी घातक बीमारी पर काबू पाने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) का पालन किया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है. ताकि मच्छरजनित इस रोग से लोगों की रक्षा की जा सके. इस दिवस की शुरुआत मई 2007 से की गई थी. इसकी स्थापना 60वें विश्व स्वास्थ्य सभा के सत्र के दौरान हुई थी.
क्या है मलेरिया (Malaria)
इंडिया में मुख्य रूप से 2 प्रकार के मलेरिया होते हैं. जैसे प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम व प्लाजमोडियम वाईवेक्स. मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को जब ये मच्छर काटते हैं तो उसको खून में मौजूद प्लाज्मोडियम क अपने शरीर में खींच लेता है. ये मच्छर करीब 8-10 दिनों में ही मलेरिया फैलाने में सक्षम हो जाता है. यह परजावी लार के साथ उसके शरीर में जाता है. फिर यह एकदम स्वस्थ इंसान को भी मलेरिया ग्रस्त कर देता है.

लक्षण
इस बीमारी के प्रमुख लक्षनों में ठंड के साथ बुखार आना. उल्टी होना, शरीर में दर्द, कमर दर्द, चक्कर, कमजोरी व अचानक से बुखार आ जाना है.
उपाय
1. ध्यान रखें मलेरिया (World Malaria Day) का लक्षण अनुभव होते ही जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाएं. तुरंत पहले ब्लड टेस्ट करवाएं.
2. ब्लड टेस्ट व मलेरिया रोधी दवाएं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त में उपलब्ध होती है.
3. सबसे जरूरी यह कि सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करना बिल्कुल ना भूलें.
4. घर के आस-पास जल-जमाव बिल्कुल ना होने दें. कोशिश करें कि पूरे शरीर ढ़ंकने वाले कपड़े ही पहनें.
5. रुके हुए पानी में स्थानीय नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा का छिड़काव कराएं.
6. पानी में गंबूशिया मछली के बच्चे छोड़ने से भी काफी राहत मिलती है.
7. यह मछली मलेरिया (World Malaria Day) के कीटाणु को मानव शरीर तक पहुंचाने वाले मच्छरों के लार्वा पर पलती है.
8. अगर मरीज में उपाय बताए गए मलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं तो कुनैन की गोली इस रोग में फायदेमंद होती है.
9. बच्चे व महिलाओं के मामले में अधिक सावधान रहें.

आंकड़ों को देखते हैं –
- इस गंभीर बीमारी के कारण वर्ष 2012 में लगभग 6,27,000 लोगों की मृत्यु हुई थी. इसमें अधिकांश अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन व अमेरिकी बच्चे शामिल थे.
- विश्व की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 देशों में मलेरिया का खतरा है.
- इंडिया में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले ओडिसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, मेघालय व नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों से आए थे.
- वर्ष 2016 में वैश्विक स्तर पर मलेरिया (World Malaria Day) के 21.60 करोड़ मामले सामने आए थे. जिसमें से 4.45 लाख लोगों की मौत हुई थी.
- वहीं वर्ष 2015 में मलेरिया के 21.10 करोड़ मामले हुए थे. जिसमें से 4.46 लाख लोग मौत के शिकार हुए थे.
- भारत दुनिया का 4वां ऐसा देश है जहां मलेरिया से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.
- इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार ने 2030 तक देश को मलेरिया से मुक्त करने की योजना बनाई थी.
- इस बीमारी ने अब तक सबसे ज्यादा नाइजीरियन को अपना शिकार बनाया है. वर्ष 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया विश्व के उन 15 देशों में शामिल है जहां मलेरिया के सबसे अधिक मामले आते हैं. टाइम्स ग्रुप की रिपोर्ट की माने तो भारत में 69 फीसदी मृत्यु मलेरिया के कारण होती है.

भारत के आंकड़े –
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 में इंडिया में मलेरिया के 20.9 लाख मामले सामने आए थे. जिसमें से 1,005 लोग मौत के शिकार हुए.
- जबकि वर्ष 2014 में 11 लाख मामले सामने आए थे, जिसमें से 561 लोगों की मौत हुई थी.
- श्रीलंका और किर्गिस्तान को छुटकारा
- श्रीलंका और किर्गिस्तान में 70 और 80 के दश में मलेरिया से कई मौतें हुई थी. इस विषय को गंभीरता से लेते हुए दोनों देशों में एंटी मलेरिया अभियान चलाया गया था. इस अभियान के बाद दोनों देशों को मलेरिया से राहत मिली.
मौसम परिवर्तन के दौरान फैलने वाली बीमारी मलेरिया (World Malaria Day) से सावधान रहना बेहद जरूरी है. मच्छरजनित यह बीमारी लाखों लोगों को अपना शिकार बना लेती है. अगर समय रहते आप इसके प्रति जागरूक हो जाते हैं तो इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. इसके प्रति सावधानी बरतने के लिए आप हमारे इस लेख का सहारा ले सकते हैं. इसके बाद अपने विचार ‘योदादी’ के साथ कमेंट कर जरूर शेयर करें. #विश्वमलेरियादिवस