वैसे तो मन लगाकर पढ़ाई करने वाले बच्चे किसी भी फिल्ड में अपना करियर बना लेते हैं पर जहां तक कॉमर्स में अधिक रुचि लेने वाले बच्चों की बात है तो उनके लिए इस क्षेत्र में विकल्प ही विकल्प है. कॉमर्स के छात्रों के लिए 12वीं के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट से लेकर कंपनी सेक्रेटरी जैसे कई रोजगारपरक कोर्स हैं. इसके अलावा भी कॉमर्स के छात्रों के लिए इंडस्ट्रीयल कॉस्ट एंड वर्क अकाउंट, बी.कॉम के साथ कम्प्यूटर अकाउंटिंग, बैंकिंग की परीक्षाएं व बी.कॉम के बाद एम.बी.ए. तथा ई-कॉमर्स भी करियर के लिए एक अच्छा विकल्प है.

ये रहे कॉमर्स के बेहतरीन विकल्पः
1. बैचलर ऑफ कॉमर्स
बच्चे 12वीं पास करने के बाद बी.कॉम में 3 वर्षीय ग्रैजुएशन कर सकते हैं. इसकी सहायता लेकर अकाउंटिंग फाइनेंस, ऑप्रेशंस, टैक्सेशन के अलावा अन्य कई फिल्ड्स में भी करियर बना सकते हैं. बी.कॉम में विद्यार्थियों को गुड्स अकाउंटिंग, अकाउंट्स, प्रॉफिट एंड लॉस और कंपनी लॉ की जानकारियां मिलती है.
2. बी.बी.ए
किसी भी विषय से 12वीं पास छात्र बी.बी.ए. का कोर्स कर सकते हैं लेकिन कॉमर्स के छात्र इस कोर्स को ज्यादा पसंद करते हैं. यह तीन वर्षीय कोर्स है जिसमें छात्रों को बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की जानकारी दी जाती है. इस कोर्स को करने के बाद छात्र किसी कंपनी के एच.आर., फाइनेंस, सेल्स व मार्केटिंग विभागों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं.

3. बी.कॉम – अकाउंटिंग व फाइनेंस
बी.कॉम – अकाउंटिंग एंड फाइनेंस कक्षा 12वीं के बाद किया जाने वाला तीन वर्षीय डिग्री कोर्स है. इस कोर्स को करने के बाद छात्रों के लिए अकाउंट्स व फाइनेंस में करियर बनाने के बहुत सारे अवसर हैं. इस कोर्स के तहत अकाउंट्स, फाइनेंस, टैक्सेशन के करीब 39 विषयों की पढ़ाई होती है. इस कोर्स की खासियत यह है कि इसमें फाइनेंशियल नॉलेज पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है.
4. कंपनी सेक्रेटरी
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया की तरप से देश में यह कोर्स कराया जाता है. साइंस, कॉमर्स और आर्टस जिसमें फाइन आर्टस शामिल न हो उसके छात्र 12वीं के बाद कंपनी सेक्रेटरी कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके तीन चरण हैं – फाउंडेशन (आठ महीने), एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल हैं. स्नातक के उम्मीदवारों को आठ महीने के फाउंडेशन कोर्स से छूट होती है और उन्हें सीधे दूसरे चरण में दाखिला दे दिया जाता है. एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद एक कंपनी या किसी अनुभवी या प्रैक्टिस कर रहे कंपनी सेक्रेटरी के साथ 16 महीने का प्रशिक्षण अनिवार्य होता है. प्रोफेशनल कोर्स और ट्रेनिंग के बाद छात्र आई.सी.एस.आई. के एसोसिएट सदस्य बन जाते हैं.

5. बी.कॉम- बैंकिंग व इंश्योरेंस
बी.कॉम- बैंकिंग व इंश्योरेंस यह प्रोफेशनल व एकेडमिक दोनों डिग्री है. इस कोर्स के तहत अकाउंटिंग, बैंकिंग, इंश्योरेंस, लॉ, बैंकिंग लॉ व इंश्योरेंस रिस्क कवर की जानकारियां मिलती है. इस कोर्स में कुल 38 विषयों को रखा गया है साथ ही इसमें बैंकिंग व इंश्योरेंस से जुड़े 2 प्रोजेक्ट भी हैं. छात्र इस कोर्स को पूरा करने के बाद एम.कॉम, एम.बी.ए., सी.एफ.ए. की तरह हायर एजुकेशन वाले कोर्सेज कर सकते हैं. इसके अलावा गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में ऑडिटिंग, अकाउंटेंसी, बैंकिंग, फाइनेंस फील्ड में भी नौकरी के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
6. कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट
‘द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ (आईसीडब्ल्यूए) द्वारा कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट का कोर्स कराया जाता है. यह कोर्स सी.ए. की तरह ही है. छात्र इस कोर्स को 12वीं के बाद भी कर सकते हैं. 12वीं पास विद्यार्थी को इसके लिए पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है. इस कोर्स को करने के बाद छात्रों को कॉस्ट अकाउंटेंट और इससे जुड़े पदों पर काम करने का अवसर मिलता है. इसके लिए ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ में आवेदन करना होता है. जून व दिसंबर महीने में इसके लिए दाखिले की परीक्षा होती है. फाउंडेशन कोर्स के बाद इंटरमीडिएट कोर्स करके फिर सी.ए. की ही तरह फाइनल परीक्षा देकर कोर्स पूरा किया जाता है.
7. बी.कॉम – फाइनेंशियल मार्केट्स
इस कोर्स में फाइनेंस, इंवेस्टमेंट्स, स्टॉक मार्केट, कैपिटल, म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी जाती है. इस कोर्स में 6 सेमेस्टर होते हैं और कुल 41 विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. इस डिग्री को हासिल करने के बाद ट्रेनी एसोसिएट, फाइनेंस ऑफिसर, फाइनेंस कंट्रोलर, फाइनेंस प्लानर, रिस्क मैनेजमेंट की नौकरी मिल सकती है.

8. चार्टर्ड अकाउंटेंट
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की तरफ से यह कोर्स कराया जाता है. सी.ए के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए पहले कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट देना होता है. इस परीक्षा को पास करने के बाद ही छात्र दूसरे पड़ाव तक पहुंच पाता है. इसमें चार विषयों जैसे अकाउंटिंग, मार्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीच्यूड शामिल है. विद्यार्थी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कॉमर्स में 12वीं पास करने के बाद सी.ए में करियर बना सकते हैं. यहां तक की छात्र सी.ए. करने के लिए अपनी शुरूआत स्नातक के बाद भी करते हैं लेकिन सी.ए. कोर्स की लंबी अवधि के कारण सी.ए. की शुरुआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद ही होता है. इसकी तैयारी के लिए छात्रों को पहले अकाउंटिंग में मजबूत पकड़ होना जरूरी है.
इनके अतिरिक्त भी कॉमर्स में इंटरेस्ट रखने वाले छात्र कई प्रकार के ऐसे कोर्स कर सकते हैं जिनसे उन्हें आगे चलकर सुविधा हो सकती है. बिजनेस की दुनिया में कॉमर्स के ज्ञान का बेहद महत्व होता है. अगर इसमें महारत हासिल कर लिया जाए तो विद्यार्थी एक बेहतरीन प्रोफेशनल के रूप में सफलता हासिल कर सकता है.