दिल्ली की पुर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन (Sheila Dikshit Death) कार्डियक अरेस्ट के कारण ही हुआ है. अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) होने के बाद 81 वर्षिय शीला दीक्षित को शनिवार (20 जुलाई) को दिल्ली के एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट में भर्ती किया गया था.

जहां इलाज के दौरान दोपहर 3.55 बजे उनका निधन हो गया. अस्पताल के अनुसार शीला दीक्षित को सीने में जकड़न की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था.
लेकिन उनकी स्थिति गंभीर थी. डॉक्टरों ने उनका इलाज तुरंत ही शुरू कर दिया. लेकिन उन्हें बचाना संभव नहीं हो पाया.
पूर्व मुख्यमंत्री (Sheila Dikshit Death) को हृदय रोग की बीमारी थी. एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक सेठ की देखरेख में ही उनका इलाज चल रहा था.
डॉ. सेठ पिछले 18 वर्षों से शीला दीक्षित का इलाज कर रहे थे. डॉ. सेठ के ट्वीट के मुताबिक शीला दीक्षित को कार्डियक अरेस्ट आते ही उन्हें अस्पताल में लाया गया.
उन्हें तुरंत वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया लेकिन 3.55 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. डॉक्टर का कहना है कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit Death) पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं.
लेकिन अंदरूनी रूप से वह पूरी तरह फिट थीं. इसके बावजूद उन्हें अचानक कार्डियाक अरेस्ट आ गया और उन्हें बचाना मुश्किल हो गया.
उनकी (Sheila Dikshit Death) कई सर्जरी हुई थी और हर सर्जरी सफल साबित हुआ था. हर सर्जरी के बाद वह बहुत जल्दी रिकवर कर लेती थी. वर्ष 2001 में हार्ट ब्लॉकेज होने पर उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी.
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वर्ष 2006 में एंजियोप्लास्टी सर्जरी हुई थी वह भी सफल थी. इसके बाद हार्ट में स्टंट डालने के लिए सर्जरी की गई थी.
अंत में पिछले वर्ष फ्रांस में उनकी एक हार्ट सर्जरी हुई थी और वह भी सफल थी. इन चार सर्जरी के बावजूद अचानक हुए कार्डियक अरेस्ट ने डॉक्टरों को चौंका दिया.

क्या है कार्डियक अरेस्ट – Cardiac Arrest
कार्डियाक अरेस्ट एक गंभीर बीमारी है. यह दिल में एक इलेक्ट्रिकल इनबैलेंस है. इसकी वजह से दिल ठीक से पंप नहीं कर पाता और रक्त हर जगह सही से नहीं पहुंच पाता.
खून जब नसों में नहीं पहुंचता तो अंग काम करना बंद कर देते हैं. हार्टबीट अनियमित होने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. जल्द से जल्द बाहर से इसकी व्यवस्था करनी होती है.
अन्यथा मीनटों में ही रोगी की मौत हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में जकार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (सीपीआर) के माध्यम से दिल की धड़कन को तुरंत नियमित किया जाता है.
कार्डियाक अरेस्ट व हार्ट अटैक में है अंतर – Cardiac Arrest
ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि कार्डियाक अरेस्ट व हार्ट अटैक दोनों समान बीमारी है. लेकिन ऐसा नहीं है. कार्डियाक अरेस्ट में हमारा दिल सही से काम नहीं करता.
इसमें व्यक्ति अचेत हो जाता है और उसके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. जबकि हार्ट अटैक में दिल के कुछ हिस्सों में खून जम जाता है. जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण – Cardiac Arrest
1. हार्टबीट तेज होना
2. सीने में दर्द व बेचैनी होना
3. दिल का अचानक काम करना बंद कर देना
4. थकान महसूस होना
5. चेहरे का रंग ग्रे हो जाना
6. भयभीत महसूस करना
7. सीने में दर्द
8. सांस फुलना व खांसी
9. उल्टी आना
10. बेहोश होना
11. चक्कर आना व आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
12. घबराहट महसूस होना व पसीने आना

कार्डियाक अरेस्ट से बचाव – Cardiac Arrest
1. पोषक तत्वों से भरपूर व संतुलित आहार का सेवन करें
2. डायबिटीज को नियंत्रण में रखें.
3. रोजाना व्यायाम व योग की आदत डालना
4. नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाते रहना
5. फास्ट फूड से दूरी होगा फायदेमंद
6. धूम्रपान व शराब से एकदम दूरी बनाए रखना
7. कॉलेस्ट्राल बढ़ना भी इस बीमारी का कारण हो सकता है.
8. हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन भी है इसका कारण
9. ब्लड प्रेशर के स्तर को सुरक्षित रखना
10. शरीर का वजन संतुलित रखना
अगर आपको हृदय संबंधी कोई रोग है, या फिर ऐसी कोई स्थिति जो आपके हृदय को अस्वस्थ बना सकती है. तो आप तुरंत ही चिकित्सक के पास जाएं. डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपायों को बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें. बल्कि सही से उसका पालन करें. #CardiacArrest