बेहतर करियर निर्माण के लिए पढ़ाई सबसे महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अपने पसंदीदा स्पोर्ट्स में भी करियर बनाया जा सकता है. आजकल स्पोर्ट्स में करियर (careers in sports) बनाने को लेकर क्रेज काफी बढ़ा है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडियन खिलाड़ियों को लगातार सफलता मिल रही है. इसी से उत्साहित होकर युवाओं का रुख खेल की तरफ जा रहा है. खेल के क्षेत्र में भी करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का सपना तो हर खिलाड़ी का होता है. सपने साकार उन्हीं के होते हैं जिसमें लक्ष्य प्राप्त करने की सच्ची लगन व निष्ठा होती है. आपके बच्चे को भी अगर खेल में करियर बनाने की दिलचस्पी है तो समय रहते ही आपको इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है.

यह जानना जरूरी होता है कि खेल में बेहतर करियर के लिए करना क्या होगा?
1. सही उम्रः
विभिन्न स्पोर्ट्स एकेडमीज में एडमिशन की अलग-अलग उम्र होती है. कहीं 5-8 वर्ष, 9-14 वर्ष और 15 वर्ष भी होती है. कहीं-कहीं इससे ज्यादा उम्र में भी एडमिशन लिया जाता है. एकेडमीज में यह देखा जाता है कि स्टूडेंट में कौन से खेल के प्रति ज्यादा संभावनाएं है. यहां बच्चों की शुरू से ही ग्रूमिंग एथलिट के तौर पर होती है. इन एकेडमिज के द्वारा बच्चे को इंटर सिटी व इंटर स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में भेजा जाता है. फिर स्टूडेंट के उपर निर्भर करता है कि वह किस स्तर तक गेम खेल पाता है.
2. सही एकेडमीः
अगर आपने सोच लिया है कि आपको स्पोर्ट्स में ही बेहतर करियर (careers in sports) बनाना है तो जरूर बनाएं. पर बेहतर खिलाड़ी बनने हेतु सबसे पहले सही एकेडमी का चयन जरूरी है. कहीं भी एडमिशन लेना महज समय व पैसे की बर्बादी है. इसलिए सही एकेडमी का चयन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
3. आधारभूत सुविधाएः
एडमिशन लेने से पहले यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि उक्त एकेडमी में आपके खेल संबंधी पर्याप्त आधारभूत सुविधाए हैं या नहीं. ऐसा नहीं हो कि एकेडमी में तमाम पुरानी सुविधाएं ही हों. आपके बेहतर विकास के लिए एकेडमी का समय-समय पर नई सुविधाओं से अपग्रेड होना बहुत जरूरी है. खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं आपके लिए ज्यादा बेहतर होंगे.

4. कोच :
आपकी सफलता काफी हद तक आपके कोच पर निर्भर करती है. कोच की जिम्मेवारी होती है कि वह आपको खेलने के सही तरीके और शारीरिक रूप से फिट रहने की सही जानकारी दे. अगर आपको इन चीजों को लेकर सही से गाइड किया जाता है तभी आप सफल होंगे.
5. सक्सेस रेट :
एडमिशन लेने से पहले एकेडमी का सक्सेस रेट पता करना सबसे अहम है. एकेडमी के पिछले रिकार्ड की जांच कर यह जानकारी हासिल कर सकते हैं. यह जानना जरूरी है कि अब तक यहां से कितने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व का मौका मिला है. इसके बाद सही एकेडमी चयन में आसानी होगी और तभी आपका करियर बेहतर (better career) हो पाएगा.
6. पढ़ाई के साथ तालमेल :
खेल के माध्यम से जिंदगी में नाम कमाने के लिए एक बेहतर खिलाड़ी बनना पड़ता है. खेल में अच्छा प्रदर्शन के लिए आपको प्रैक्टिस में कई घंटे देने पड़ते हैं क्योंकि प्रैक्टिस सबसे जरूरी है. खेल के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना आवश्यक है. ये सब तो हुई खेल से जुड़ी बातें पर इन सबके साथ पढ़ाई से समझौता कतई नहीं करना चाहिए. यह तो आप भली-भांती जानते हैं कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ खिलाड़ी ही पहचान बना पाते हैं. पढ़ाई जारी रखना इसलिए भी जरूरी है कि आपको पास जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए दो ऑप्शन रहेंगे. इसलिए आप पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.
कई और करियर ऑप्शनः
हर युवा का सपना होता है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए. अगर आपकी खेल में बहुत ज्यादा रुचि है तो आप दूसरे करियर्स के माध्यम से भी अपने खेल (careers in sports) के साथ जुड़ सकते हैं. जैसे स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, कोच या इंस्ट्रक्टर, एंकर, कमेंटेटर, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, स्पोर्ट्स मेडिसिन, इवेंट मैनेजमेंट, फैसिलिटी मैनेजमेंट आदि.
सही प्रशिक्षण केंद्रः
विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण दने वाली देश में ऐसी एकेडमीज हैं जो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) के मापदंडों के आधार पर चलती है. खेल में अपना उज्ज्वल भविष्य गढ़ने के लिए इसी तरह की एकेडमी में प्रशिक्षण लेना बेहतर होगा. आइए आपको ऐसी ही कुछ स्पोर्ट्स की जानकारी देते हैं. जहां से प्रशिक्षण लेकर आपको स्पोर्ट्स में बेहतर करियर (careers in sports) बनाने में आसानी होगी.
1. क्रिकेट:
आजकल तो युवाओं का सबसे पसंदीदा खेल क्रिकेट ही है. क्रेज ज्यादा होने की वजह से ज्यादातर युवा इसी खेल के साथ जुड़ना चाहते हैं. इसमें घरेलू स्तर पर दिलीप व रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के लिए क्वालीफाई करने में सहायता करते हैं.
2. बैडमिंटन:
बैडमिंटन में भी युवाओं की रुचि पहले की तुलना में काफी बढ़ी है. इंटरनेशनल स्पोर्टस इंवेंट में कई इंडियन खिलाड़ियों को मिली सफलता ने युवाओं को काफी प्रेरणा दी है. यही वजह है कि आज क्रिकेट के साथ-साथ युवाओं का इस खेल के प्रति भी रुझान बढ़ा है. हाल ही में कई इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व अच्छा हुआ है.

3. टेनिस:
क्रिकेट व बैडमिंटन के साथ लॉन टेनिस में भी भारत को सफलता मिली है. यहां भी भारतीय खिलाड़ियों को लगातार मिल रही सफलता ने ही इस खेल के प्रति युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है.
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4. हॉकीः
राष्ट्रीय खेल हॉकी के प्रति युवाओं की रुचि काफी केम देखने को मिल रही है. जबकि हॉकी फेडरेशन द्वारा हॉकी लीग की शुरुआत के बाद से स्थितियां काफी बदली है. ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हमारे हॉकी खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया था. उसके बाद से इसके प्रति युवाओं की थोड़ी सी रुचि बढ़ी है.

5. फुटबॉल:
फुटबॉल के प्रति भी युवाओं का रुझान बढ़ता दिख रहा है. क्रिकेट की तरह फुटबॉल भी भविष्य में सभी का पसंदीदा गेम बनने वाला है. आज के समय में फुटबॉल का प्रशिक्षण लेना भी अच्छा निर्णय होगा.
आप सच में खेल में बेहतर करियर (careers in sports) निर्माण को लेकर उत्सुक हैं? बिना तैयारी के किया गया काम सही नहीं होता. इसी तरह आप भी इस क्षेत्र में भविष्य निर्माण को तैयारी के साथ उतरें. तभी आप सफलता की ऊंचाई को छूएंगे.
अगर आप यहां दी गई जानकारियों को फॉलो करते हुए आगे बढ़ते हैं तो आपको जरूर सफलता मिलेगी. ‘योदादी’ के साथ अपने अनुभव को कमेंट कर जरूर शेयर करें.
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