बच्चे की सुरक्षा की चिंता तो हर अभिभावक को शुरुआत के दिनों से ही होने लगती है. पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो यह चिंता और बढ़ जाती है. खासकर तब, जब मासूम अकेले ही घूमना शुरू कर दे! जन्म लेने के साथ ही बच्चे की देखभाल को लेकर विशेष सतर्क रहना जरूरी है.
बच्चे अनजान होते हैं और उन्हें सही गलत की जानकारी नहीं होती. उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर अभिभावक को सेफ होम बनाने की जरूरत है. ऐसे में अगर आप बच्चे को थोड़ी देर के लिए घर में छोड़कर बाहर भी चले जाते हैं तो वह सुरक्षित रहता है. इसके अलावा बच्चे की सुरक्षा से जुड़े कई ऐसे पहलू हैं जिस बारे में आप अनजान हो सकते हैं.

जानकारियां, जिससे आपके लाडले की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेः
1. बच्चे को घर पर कभी अकेला न छोड़ेः
बच्चे चंचल होते हैं और वे कभी शांति से नहीं रहते. घर में हो या बाहर वे हमेशा कुछ न कुछ हरकत करते ही रहते हैं. इसलिए बच्चे को कभी भी अकेला छोड़ना खतरे से खाली नहीं है. आप जब भी बाहर जा रहे हों तो कोशिश करें कि बच्चे को भी जरूर साथ लेकर जाएं. यहां तक कि बेबी वॉकर पर भी बच्चे को अकेला छोड़ना खतरनाक हो सकता है.
2. मच्छरों से बचावः
मच्छरों के काटने से सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी कई तरह की बीमारियां होती है. बच्चों के लिए मच्छर का काटना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. बच्चों को मच्छरों से सुरक्षा के लिए मच्छरदानी या व्यवहार जरूर कीजिए.

3. बच्चे के सोते वक्त सावधानीः
जब बच्चा गहरी नींद में सो रहा हो तो उसके आस-पास खिलौने या कपड़े बिल्कुल भी ना रखें. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सोते वक्त बच्चे नींदे में ही पास पड़ी किसी चीज को उठाकर अपने उपर डाल लेते हैं. ऐसे में उन्हें घुटन होने लगती है.
4. बच्चे के नहाने का पानीः
यह ध्यान रखें कि बच्चे को नहलाते वक्त उसे बाथ टब में अकेला बिल्कुल ना छोड़ें. अगर बच्चे को नहलाने के लिए गरम पानी का व्यवहार कर रहे हैं तो पानी 38 डिग्री सेंटीग्रेट गर्म होना चाहिए. नहलाते वक्त बच्चे को गर्म पानी में ज्यादा देर तक ना छोड़े क्योंकि उनकी त्वचा नाजुक होती है. ज्यादा देर तक गर्म पानी में रहने से उसकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकती है.
5. सीढ़ियों पर सेफ्टी गेटः
बच्चे की सुरक्षा के लिए सीढ़ियों पर चाइल्ड सेफ्टी गेट लगवाना, उसे ठीक से बंद रखना बेहद महत्वपूर्ण काम है. गेट में गैप ना हो जिससे बच्चा बाहर निकलने की कोशिश करे या अपने सिर को ही उसमें फंसा ले.

6. खिलौनेः
बच्चों के लिए खिलौना चुनते वक्त साफ्ट खिलौने लेना ही समझदारी है. ऐसा कोई खिलौना बच्चे को ना दें जिसमें लंबी रस्सी या रिबन लगा हो. रस्सी वाले खिलौने बच्चे गले में लपेट सकते हैं और इससे खतरा होने की संभावना रहती है.
7. खानपान में सावधानीः
बच्चे को खाना खिलाते समय ऐसा कुछ खाने को ना दें जो उसके गले में अटक जाए. क्योंकि बच्चे के गले में कुछ अटक जाने के बाद उसकी जान जोखिम में पड़ जाती है. बच्चे को सख्त या गले में अटकने जैसी चीजें नहीं देनी चाहिए.
8. इलेक्ट्रोनिक सामानः
घर में इलेक्ट्रोनिक चीजों से बच्चे की दूरी बनाए रखें. बच्चों की आदत होती है कि जो भी चीजें मिले उसे सीधे मुंह में रख लेना. इलेक्ट्रिक प्लग को बच्चों की से काफी दूर रखें. इसके लिए आप शॉर्ट पीन वाले प्लग का व्यवहार कर सकते हैं.
9. कार में यात्रा करते वक्तः
जब आप बच्चे के साथ कार में कहीं जा रहे हो तो हमेशा पीछे की सीट पर ही बैठाएं. अगर बच्चे को आगे की सीट पर बैठाया जाता है तो दुर्घटना के समय यह खतरनाक साबित हो सकता है. बच्चे को कार में बैठाते वक्त चाइल्ड लॉक का इस्तेमाल जरूर करें. कोशिश करें कि बच्चे के लिए बाजार से कार की अतिरिक्त सीट खरीदा जाए.

10. अन्य सामानः
बच्चे की सुरक्षा में बरती गई थोड़ी सी लापरवाही भी उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है. यानी छोटी-छोटी चीजें भी बच्चे का नुकसान कर सकती है. पूरी तरह सतर्क रहें कि घर के फ्लोर पर, बालकनी में कोई छोटी चीज रिंग्स, सिक्के आदि पड़े ना हों. क्योंकि बच्चे इसे उठाकर भी मुंह में रख सकते हैं जो मासूम के गले में जाकर अटक सकती है. अगर आपके घर में स्टोव, स्पेस हीटर, हॉट वाटर टैप्स आदि है तो ध्यान रखें कि जब वह गर्म रहे तो बच्चे उस तक ना पहुंच पाएं.