हर माता-पिता का सपना होता है कि वह बच्चे की देखभल स्वयं करें. उनके साथ जिंदगी के इस खूबसूरत लम्हों को जिए. पर कामकाजी माता-पिता के लिए यह काम बेहद कठिन हो जाता है. मतलब बच्चे की देखभाल करना उनके लिए समस्या खड़ी कर देता है. ऐसी स्थिति में अभिभावक बच्चे की देखभाल के लिए या तो आया रखते हैं या फिर डे-केयर (day care) की मदद लेते हैं.
पर अभी बच्चें को डे-केयर में भेजने का ट्रेंड काफी बढ़ गया है. घर पर बच्चे को देखने वाला कोई नहीं होने के कारण इन्हें डे-केयर में भेज दिया जाता है क्योंकि अभिभावक चाहते हैं अपनी अनुपस्थिति में बच्चा पूर्ण सुरक्षित रहे. डे-केयर में बच्चे को पढ़ाने व खाना खिलाने के साथ-साथ अनुशासन भी सिखाया जाता है. ध्यान देने वाली बात है कि डे-केयर से बच्चे को फायदा भी है और नुकसान भी. इसलिए बच्चे को कहीं भी भेजने से पहले आपके पास उस संस्थान के बारे में तमाम जानकारियां होनी चाहिए.

क्या आप डे-केयर से जुड़े फायदे व नुकसान के बारे में जानते हैं!
1. डे-केयर के लाभ (Benefits of Day Care):
- अगर आप भी कामकाजी अभिभावक हैं तो बच्चे की देखभाल के लिए आपके पास दो विकल्प हैं. या तो आप आया रख सकते हैं या फिर डे-केयर (day care) की सुविधा ले सकते हैं. अब बात यह है कि डे-केयर की तुलना में आया को रखना काफी महंगा होता है. तभी तो आया की जगह डे-केयर में बच्चे को रखना सस्ता होता है. इसीलिए तो ज्यादातर माता-पिता बच्चे को डे केयर में रखना ही पसंद करते हैं.
- हर माता-पिता के लिए डे-केयर (day care) के नियम समान होते हैं. यहां आपको कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है. जिसमें सबसे प्रमुख है बच्चे को छोड़ना व लाना. इसकी एक अच्छा खासियत है. बच्चे के माध्यम से आपको भी कई अभिभावकों से मिलने का मौका मिलता है. लोगों के साथ जान पहचान बढ़ना भी बहुत जरूरी है. ऐसे में बच्चे से संबंधित किसी भी विषय पर आप उनके साथ अपनी बातों को साझा कर पाते हैं. एक दुसरे का सहयोग भी ले पाते हैं.
ये भी हैं फायदे…
- बगैर लाइसेंस डे-केयर की सुविधा शुरू नहीं की जा सकती. इसके लिए लाइसेंस लेना एकदम जरूरी होता है. लाइसेंस की वजह से डे-केयर में बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित रहती है. इसके अलावा यहां बच्चों की देखभाल के लिए अनुभवी व प्रशिक्षित लोगों को ही रखा जाता है. यहां बच्चों की जरूरत से संबंधी तमाम चीजें उपलब्ध होती है. यहां बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास का हर संभव ख्याल रखा जाता है.
- यहां आपके बच्चे के लिए विभिन्न तरह की व्यवस्था रहती है. हर तरह के प्रशिक्षित लोग भी वहां रहते हैं. यहां बच्चों के लिए गाना, डांस व कहानी सुनना सबसे महत्वपूर्ण है. बच्चों के लिए यह गतिविधि अभिभावकों को काफी पसंद भी आती है.
- यहां बच्चे को अनुशासन में रहना सिखाया जाता है. बहुत सारे बच्चे एक साथ रहते हैं तो उनके अंदर शेयरिंग की आदत भी पड़ती है. यह आदत भविष्य निर्माण में बेहद कारगर सिद्ध होता है.
अपने हाथों बच्चे की देखभाल से ज्यादा सुरक्षित और क्या हो सकता है! अगर आप कामकाजी अभिभावक हैं तो डे-केयर का विकल्प आपके बच्चे को पूर्ण सुरक्षित रखता है.
2. डे-केयर के नुकसान (Day-care losses):
- यहां बच्चे को इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. डे-केयर (day care) के इतने सारे बच्चों में आपके बच्चे को कब कौन सा संक्रमण लग जाए कोई नहीं जानता. खेलने व खाने-पीने के दौरान बीमार बच्चे के कीटाणु अन्य स्वस्थ बच्चे को भी बीमार कर देता है.
- डे-केयर (day care) आपके बच्चे की देखभाल के निर्णय को प्रभावित करता है. इससे बच्चे के खाने, खेलने व सोने का टाइम टेबल काफी प्रभावित होता है. हालांकि कुछ माता-पिता को इससे समस्या नही होती लेकिन कुछ को तो हो सकती है।
- इससे आपका बच्चे की बीच दूरियां बढ़ने का भी भय रहता है. क्योंकि बच्चा ज्यादा वक्त तक अन्य बच्चों के बीच रहता है. बच्चों के साथ उनका मन भी खूब लगा रहता है.
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ये रहे कुछ डे-केयर सेंटरों की सूची:
1. जॉयफूल ऑवर्ज
3. लिटिल स्टेप्स मॉनटेसरी हाउस
5. लिटिल स्टेप्स मॉनटेसरी हाउस
6. यूरो किड्स
7. लिटिल बड्स
8. कंगारू किड्स
9. एल्फाबेट्ज
10. फन एंड जॉय
आज के युग में हर कोई कामकाजी बनना चाहता है. चाहे वह महिला हो या पुरुष. देश, परिवार व समाज की प्रगति के लिए यह सोच बेहतर है. पर जब बात बच्चे की परवरिश की आए तो कामकाजी अभिभावक के लिए यह समस्या बन जाती है. इस समस्या के निदान के लिए हमने ऊपर कुछ सुझाव दिए हैं.