ई-सिगरेट (E-Cigarette Addiction) स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है, बावजूद इसके लोगों में इसका चलन घटने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी एक वजह ये भी है कि लोगों में इसकी धारणा गलत है. सिगरेट पीने वालों को लगता है कि ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट की तरह कोई नुकसान नहीं करता.

लेकिन हाल में हुई एक स्टडी के अनुसार ई-सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले फ्लेवरिंग लिक्विड दिल के लिए बहुत ही नुकसानदेह है. ज्यादातर देखा जाता है कि लोग तंबाकू से होने वाले नुकसान से बचने के लिए ई-सिगरेट का चयन करते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस सिगरेट से ना सिर्फ कैंसर बल्कि हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है.
केंद्र सरकार के कैबिनेट की बैठक में ई-सिगरेट पर पाबंदी का फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत भारत में ई-सिगरेट के उत्पादन, बेचने, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज व विज्ञापन सभी पर प्रतिबंध लगाया गया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई है.
आखिर ई-सिगरेट है क्या? E-Cigarette Addiction
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है जो उसमें मौजूद लिक्विड को भाप में बदल देता है. ई-सिगरेट या इलेक्ट्रानिक सिगरेट को पर्सनल वेपोराइजर भी कहा जाता है. इसे पीने वालों को सिगरेट पीने का एहसास होता है. ई-सिगरेट कार्ट्रीज, ऐटमाइजर, बैट्री व लिक्विड से बनती है.
ई-सगरेट से होने वाली हानि-
इस सिगरेट में ऐसे केमिकल्स होते हैं जो ई-तरल पदार्थों के संपर्क में आने वाली एंडोथेलियल कोशिकाएं, डीएनए के नुकसान व कोशिकाओं की मृत्यु में शामिल अणुओं के स्तर में वृद्धि करते हैं. इस सिगरेट में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इलेक्ट्रोनिक सिगरेट (E-Cigarette Addiction) में इस्तेमाल किए जाने वाले फ्लेवर खासकर दालचीनी व मेंथॉल को एक साथ पीना घातक है. इससे दिल की बीमारियों के साथ फेफड़ों के खराब होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
फेफड़ों को पहुंचाता है नुकसान – E-Cigarette Addiction
इलेक्ट्रोनिक सिगरेट में निकोटीन के सिवा एक खुशबूदार केमिकल भरा होता है. वह केमिकल गर्म होने पर सांस के साथ सीधे फेफड़ों में जाता है. इसकी वजह से फेफड़े तो खराब होते ही हैं. साथ ही यह फेफड़ों के कैंसर की आशंका को भी बढ़ा देता है.
सिगरेट और ई-सिगरेट से समान नुकसान –
सामान्य सिगरेट और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने से समान नुकसान होते हैं. अधिकांश ई-सिगरेट में जो केमिकल भरा जाता है वो लिक्विड होता है. दोनों सिगरेट में फर्क ये है कि ई-सिगरेट का धुआं साफ नहीं दिखता और सामान्य सिगरेट का दिखता है.
दिल की बीमारी का खतरा –
अगर कोई व्यक्ति निकोटिन का सेवन करता है तो उसे हमेशा के लिए इसकी लत लग जाती है. क्योंकि निकोटिन एक नशीला पदार्थ है और यह बहुत जल्द लोगों को अपना शिकार बना लेता है. जिन्हें इसे पीने की लत लग जाती है वो अगर बाद में इसे छोड़ना चाहे तो बेचैनी सी होने लगती है. दिल व सांस के मरीज को तो कभी भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे मरीजों के लिए निकोटिन बहुत खतरनाक है.
इसे भी पढ़ें: ज्यादा इस्तेमाल किया मोबाइल फोन तो सिर पर उगेंगे ‘सींग’
गर्भवती के लिए नुकसानदायक –
गर्भवती महिलाओं के लिए ई-सिगरेट (E-Cigarette Addiction) का सेवन बहुत ही घातक है. महिला के सिगरेट पीने का उनके गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यहां तक की छोटे बच्चों के आसपास भी इसे पीना ठीक नहीं क्योंकि हानिकारक भाप उनके दिमागी विकास पर बुरा प्रभाव डालती है.
ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने की योजना – E-Cigarette Addiction
हानिकारक ई-सिगरेट को ड्रग्स मानते हुए सरकार इसे पूरे देश में प्रतिबंधित करने की तैयारी में है. इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बहुत जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. जानकारी के अनुसार बैटरी ऑपरेटेड सिगरेट को बैन करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के ‘शुरुआती 100 दिनों के एजेंडे’ में शामिल है.

ई-सिगरेट (E-Cigarette Addiction) से होने वाली मौतों और किशोरों के स्वास्थ्य पर हो रहे बुरे असर को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस पर प्रतिबंध करने की तैयारी में हैं. ट्रंप ने कहा कि ई-सिगरेट की लत खासतौर पर बच्चों में नई समस्या बनकर उभरी है. इस सिगरेट से अब तक अमेरिका में छह लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 450 लोगों के फेफड़े की बीमारी से परेशान होने की खबर है.
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) तंबाकू फ्लेवर समेत सभी तरह की ई-सिगरेट (E-Cigarette Addiction) पर पाबंदी लगाने का खाका तैयार करेगी. जानकारी के अनुसार अमेरिका में ई-सिगरेट मैंगो, क्रीम, मिंट, मेंथॉल, कैंडी, फ्रूट और एल्कोहल फ्लेवर में आसानी से उपलब्ध है. बच्चे भी बड़ी आसानी से इसके शिकार हो रहे हैं.
ई-सिगरेट का स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव को देखते हुए पीड़ित बच्चों के माता-पिता, शिक्षाविद् और सिविल सोसायटी के लोगों की तरफ से इसे प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है. स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग का कहना है कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 30 दिनों में अमेरिका के हाई स्कूल के एक चौथाई से अधिक छात्रों ने ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया. जो पिछले साल की तुलना में 20.8 फीसद अधिक है.#ECigarette
(योदादी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)