पृथ्वी शब्द इतना व्यापक है जिसकी किसी के साथ तुलना नहीं की जा सकती. धरती में जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े बहुत सारे अन्य कारक भी हैं. इन तमाम चीजों की रक्षा करना ही धरती को बचाने का आशय है. पृथ्वी तो जगत जननी है. इसकी रक्षा करना तो हर एक इंसान का दायित्व है. धरती मां की रक्षा के लिए किसी एक विशेष दिन नहीं बल्कि हर दिन इसकी रक्षा को तत्पर रहना चाहिए. यह मत भूलें कि धरती है तो ही हम हैं.

पृथ्वी की रक्षा हेतु पहले पूरे विश्व में 21 मार्च व 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (world earth day) का पालन किया जाता था. वर्ष 1970 से 22 अप्रैल को इसका पालन करने का निर्णय किया गया. तब से पूरे विश्व में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस का पालन किया जाता है. जबकि अमेरिका में इसे वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है. पहली बार जब पृथ्वी दिवस को मनाया गया था तो पहली बार, विश्व पृथ्वी दिवस को आज ही के दिन 22 अप्रैल, 1970 को मनाया गया था. उस दिन इसे मनाने के लिए दो लाख लोग जमा हुए थे. आज विश्व के 192 देश इस दिवस को मना रहे हैं.
उद्देश्य –
इस दिवस का मूल उद्देश्य धरती और पर्यावरण के बारे में लोगों को जागरूक करना है. धरती ही हमारा अस्तित्व है. इसके बिना तो किसी की कल्पना भी नहीं की जा सकती. हम चाहे कितना भी विकास कर लें. पर अगर हम पर्यावरण को हल्के में ले रहे हैं तो इससे संपूर्ण मानव जाति खतरे में आ सकती है.
सर्वप्रथम पृथ्वी दिवस (world earth day) का विचार अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन द्वारा वर्ष 1970 में पर्यावरण शिक्षा के अभियान के तौर पर किया गया. यह धीरे-धीरे पूरे विश्व में विख्यात हो गया. आज स्थिति ऐसी है कि पर्यावरण को लेकर किसी में गंभीरता नहीं दिख रही है. इससे हमारे लिए तो खतरा है कि भावी पीढ़ियों के लिए यह और चिंता का विषय है. अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए जिस तरह से हरियाली को नष्ट किया जा रहा है. वह दिन दूर नहीं होगा जब हम वास्तविक पार्क देखने के बजाय ई-पार्क देखेंगे. इसमें अचंभित होने वाली कोई बात नहीं है.

World Earth Day । source: heetch
यह भी –
21 मार्च को जिस पृथ्वी दिवस (world earth day) का पालन किया जाता था उसे संयुक्त राष्ट्र का समर्थन है. इसका महत्व वैज्ञानिक व पर्यावरणीय काफी अधिक है. इसे उत्तरी गोलार्ध के बसंत व दक्षिणी गोलार्ध के पतझड़ के प्रतीक माना जाता है. हालांकि 22 अप्रैल को इस विश्व पृथ्वी दिवस पालन करने के पीछे अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन रहे हैं. वह पर्यावरण को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहते थे. लोगों को पर्यावरण के संबंध में जागरूक करने के लिए लगातार कोशिश करते रहते थे.
पृथ्वी दिवस (world earth day) को लेकर सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर काफी आभव देखा जाता है. बस एक दिन ही लोग इसको लेकर जागरूक होते हैं. वो भी संवाद माध्यमों में जब इसको लेकर दिखाया जाता है तब लोगों की आंखे एक दिन के लिए खुलती है. उसके बाद वाले दिन से ही लोग अपना रूप दिखाना शुरू कर देते हैं.
मनमर्जी रोकें –
फिर पर्यावरण को ताक पर रखकर रोजाना की तरह अपनी मनमर्जी करना शुरू करते हैं. पृथ्वी दिवस (world earth day) का पालन करना महज एक औपचारिकता भर ही है. इस दिवस को लेकर न तो सामाजिक और न ही राजनैतिक स्तर पर ही कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं. बस यह कह सकत हैं कि कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर से इस विषय को लेकर पहल करने में लगे रहते हैं.
हालांकि इस गंभीर विषय को किसी एक इंसान तक सीमित नहीं रहना चाहिए. सभी को मिलकर इसके लिए प्रयास करना चाहिए. बहुत ज्यादा भी नहीं लेकिन अगर थोड़ी-थोड़ी कोशिश सब मिलकर करें तो सबके लिए आसानी होगी. आप इतना तो कर ही सकते हैं कि पॉलिथीन के उपयोग को बंद करें. कागज का भी कम से कम इस्तेमाल करें. रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें. अगर ज्यादा से ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकिल होगी को पृथ्वी का कचड़ा उतना ही कम होगा.

World Earth Day । source: schoolspecialty
इस विशेष अवसर पर क्या करें –
अपनी भूमि की रक्षा हेतु सभी को इस अभियान में हिस्सा लेना चाहिए. आप अपने छोटे-छोटे कार्यों से भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं. कहावत है ना बूंद-बूंद बनता है सागर. धीरे-धीरे ही सही आप भी कदम बढ़ाए. जब सभी एकजूट होकर और पूरी लगन से किसी कार्य को करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी. इसके लिए किसी को बहुत बड़ा बलिदान भी नहीं देना है. यह याद रखना आवश्यक है कि पृथ्वी दिवस मनाने की जरूरत हर दिन है.
पृथ्वी ने हमें जीवनरूपी महत्वपूर्ण उपहार दिया है. हमारी जैव विविधता और किस्म-किस्म के बीज आम लोगों के लिए है. बगैर मिट्टी के ना तो जीवन संभव है और ना ही भोजन. हर कोई व्यापार की वस्तु नहीं है. जल है तो जीवन है. वातावरण और इससे मिलने वाली हवा हमें जीवन शक्ति देती है. वर्तमान दौर में देखें तो मिट्टी, हवा और पानी का भी निजीकरण हो रहा है. यही हमारे वातावरण के प्रदूषित होने का मुख्य कारण है.
संसाधनों का रखें ख्याल –
भूमि ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है. पृथ्वी पर जिंदगी बचाए रखने के लिए धरती की प्राकृतिक संपत्ति को बनाए रखना जरूरी है. पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान कृति इंसान है जो इन संसाधनों का ख्याल रखना भूल जाते हैं. जिस पृथ्वी ने इंसान को जीवन दिया, आज उसी के संसाधनों का विनाश किया जा रहा है. इसी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही 22 अप्रैल का पालन किया जाता है. हमेशा स्वस्थ और सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरणीय मामलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं.

औद्योगिकरण
औद्योगिकरण के इस युग में उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों के मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. यह भूमंडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जाता है. यह औद्योगिकरण वनों को कटाई की ओर ले जा रहे हैं और यही धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण भी बन रहा है. यह धरती के लिए खतरा है. कुछ उपायों को अपनाकर इस समस्या का कम किया जा सकता है. जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई रोकना, वायु प्रदूषण रोकने के लिए वाहनों का इस्तेमाल कम करना, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना आदि.
सुखद जिंदगी यापन करने के लिए पृथ्वी के महत्व को गंभीरता से लेना जरूरी है. प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया. बस जरूरत है उसे संभाल कर रखने की. पृथ्वी को संरक्षित रखने के लिए सिर्फ एक दिन ही काफी नहीं है. अगर आप हमारे विचारों से सहमत हैं तो ‘योदादी’ के साथ अपने अनुभव को कमेंट कर जरूर शेयर करें. #वर्ल्डअर्थडे