बच्चे का पालन पोषण करना किसी चुनौती से कम नहीं है, खासकर एक मां के लिए. क्योंकि बच्चों की परवरिश करने के लिए एक मां को नर्स व डॉक्टर का भी रूप लेना पड़ता है. बच्चे की सेहत का ध्यान रखना बहुत बड़ी ड्यूटी है. छोटे बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी समस्याएं (Indigestion Issue in Children) तो हमेशा लगी ही रहती है. चाहे वो मौसम परिवर्तन के कारण हो या फिर वातावरण के साथ समायोजित होने की प्रक्रिया ही क्यूं ना हो.

छोटे बच्चों के पेट की समस्याओं में मुख्य रूप से अपच एक आम समस्या है. यहां हम आपको बच्चे की पाचन क्रिया क दुरुस्त करने के लिए कारगर घेरलू उपाय बताने जा रहे हैं. क्योंकि छोटे बच्चों में ज्यादातर घरेलू उपाय ही कारगर होते हैं. तो इन उपायों को आजमाकर आप भी अपने बच्चे के अपच में होने वाली समस्या को दूर कर सकती हैं.
बच्चों में अपच – Indigestion Issue in Children
बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होने की वजह से वे चीजों को अच्छी तरह पचाने में सक्षम नहीं होते हैं. उनका पाचन तंत्र बहुत ज्यादा संवेदनशील होता है. आपके बच्चे में अगर उल्टी, दस्त, कब्ज जैसी समस्या दिखे तो समझ लीजिए बच्चा अपच की समस्या से पीड़ित हो सकता है. अगर आप यहां बताए जा रहे लक्षणों को पहचान कर उसे दूर करने के लिए घरेलू उपायों को आजमाती हैं तो बच्चे के अपच की समस्या दूर होने में मदद मिलेगी.
1. बच्चों में अपच के लक्षण
2. बच्चे के पेट के ऊपरी हिस्से या सीने में जलन होना
3. पेट के ऊपरी हिस्से में या बीच में दर्द होना
4. बच्चे को उल्टी होना
5. लगातार हिचकी आते रहना
6. बच्चे का खाना न खाना
7. खांसी होना
ज्यादातर बच्चों में अपच व उदर शूल के लक्षण समान होने की वजह से इसमें अंतर कर पाना भी मुश्किल होता है. इसलिए बेहतर होगा आप बच्चे के डॉक्टर से संपर्क करें. छोटे बच्चों के अपच का समय रहते इलाज नहीं होने पर गंभीर समस्या जैसे शरीर में पानी की कमी या वजन कमने की समस्या शुरू हो जाती है.
गर्म सेक – Indigestion Issue in Children
बच्चे में अगर गैस या पेट फूलने की समस्या है तो गर्म सिकाई इस परेशानी से निजात दिलाने में मदद करेगी. इसके लिए आप एक नर्म वॉशक्लॉथ या तौलिया लें. फिर एक कटोरी गर्म पानी ले लें. तौलिए को गर्म पानी में भिगोने के बाद उसके अतिरिक्त पानी को निचोड़ दें. अब इस गर्म तौलिए से बच्चे के पेट पर सिकाई करें. ऐसा दिन में दो से तीन बार करें तो बच्चे को राहत मिलेगी.
डकार दिलाने का सही तरीका – Indigestion Issue in Children
बच्चे को बोतल से या स्तनपान कराने के बाद उसे अच्छी तरह डकार दिलाई चाहिए. वजह है कि दूध पीते वक्त बच्चा हवा भी निगल लेता है. इस हवा के कारण बच्चे के पेट में दर्द, गैस व पेट फूलने की समस्या होती है. इसलिए ध्यान रहे कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसे हमेशा डकार दिलाएं. डकार दिलाने के लिए बच्चे को गोद में उठाकर एक हाथ से उसकी पीठ को सहारा दें व दूसरे हाथ से ऊपर तरफ उसकी गर्दन को सहारा दें. दूसरे हाथ से ऊपर की तरफ गर्दन को सहारा देकर उसे सीधा खड़ा करें. ऐसा करने पर बच्चा डकार ले लेगा. बच्चे को पेट के बल गोद में लिटाकर पीठ सहलाने से भी वो डकार ले लेगा.
स्तनपान – Indigestion Issue in Children
बच्चे का पाचन तंत्र अपरिपक्व होता है इसलिए डॉक्टर उसे छह महीने तक सिर्फ स्तनपान कराने की सलाह देते हैं. मां का दूध पीने से बच्चे को ना सिर्फ जरूरी पोषण मिलते हैं बल्कि यह आपके बच्चे के पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है.
दही – Indigestion Issue in Children
दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया व प्रोबायोटिक्स बच्चे की पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है. बच्चे को दस्त, उल्टी या कब्ज जैसी दिक्कत होते ही उसे दही देना कारगर होगा. पहले थोड़े से दही में पानी मिलाकर उसे पतला कर लें. बच्चे को इसे दिन में कई बार करके दें. ध्यान रहे 6 महीने से कम उम्र के बच्चे को दही देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना मत भूलें.
ब्रोकली – Indigestion Issue in Children
ब्रोकली हरी फाइबर युक्त सब्जी, फोलेट, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है. यह आपके बच्चे के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्स में किसी तरह की सूजन को कम करती है. इसमें प्रचुर मात्रा में युक्त फाइबर जो कि कब्ज की परेशानी को दूर करने में सहायक होती है. यह बच्चे के इम्युनिटी को बेहतर बनाता है. बच्चे को अधिक मात्रा में ब्रोकली देने से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती है.
मसाज – Indigestion Issue in Children
मसाज करने से बच्चे की हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसके अलावा मसाज बच्चे की पाचन संबंधी समस्या को भी कम करता है. बच्चे का मसाज करने के लिए अच्छे तेल का व्यवहार करें. उसकी नाभी के चारों ओर अच्छे से मालिश करें. आप अपने हाथों को क्लॉकवाइज घुमाते हुए हल्के हाथों से मालिश करें. इससे बच्चे की पेट में फंसी गैस को निकलने में मदद मिलती है.
केला – Indigestion Issue in Children
केले को पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है और यह बच्चे के पाचन को अच्छा रखता है. आप बच्चे को ठोस पदार्थ देना शुरू करने पर उसमें केला भी शामिल करें. केला फाइबर से भरपूर होने के कारण बच्चों में कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करती है. बच्चे को अगर उल्टी व दस्त की समस्या हो तो ऐसे में केला फायदेमंद होता है. लेकिन 6 महीने से कम उम्र के बच्चे को केला देना उचित नहीं है.
सौंफ का तेल – Indigestion Issue in Children
सौंफ का तेल पाचन संबंधी समस्याओं के निवारण में काफी कारगर होता है. सौंफ के तेल की कुछ बूंदें लेकर बच्चे के मालिश वाले तेल के साथ यह फिर नारियल तेल के साथ मिला दें. फिर इसी तेल से बच्चे की धीरे-धीरे मालिश करें. इससे पाचन संबंधी दिक्कतें दूर होती है.
ग्राइप वाटर – Indigestion Issue in Children
सौंफ के बीच, अदरक व कैमोमाइल के बीच के साथ आप घर पर ही ग्राइप वाटर बना सकते हैं. घर का बना ग्राइप वाटर बाजार में मिलने वाले ग्राइप वाटर से ज्यादा सुरक्षित होता है. यह छोटे बच्चों के साथ बड़े बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है.
दूध देना – Indigestion Issue in Children
बच्चे के अपच की समस्या को दूध से भी दूर किया जा सकता है. यानी बच्चे के पेट में अगर अपच की वजह से दर्द हो रहा हो तो उसे एक ग्लास दूध दें जिससे आराम मिलेगा. ध्यान रखें अगर आपके बच्चे को दूध हजम नहीं हो रहा हो तो इस उपाय को मत आजमाएं.
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