एक माता-पिता के लिए अपने बच्चे की सही देख-भाल करना एक अहम विषय है. किसी अभिभावक के लिए बच्चे पालना कोई आसान काम नहीं बल्कि बच्चों की सही देखभाल करना बेहद कठिन काम होता है.
आप जानते हैं कि हर अभिभावक की पहली कोशिश होती है कि उनके बच्चे की परवरिश बेहतर हो और इसके लिए वे किसी भी तरह की मुश्किल झेलने को तैयार रहते हैं. हालांकि इस प्रकिया में कभी जानकारी तो कभी अनुभव की कमी के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. बच्चे भी एक पेड़ की तरह होते हैं. जैसे पेड़ की जितनी देखभाल की जाती है वह उतना ही मजबूत होता है और अच्छे फल भी देता है. ठीक उसी प्रकार अगर बच्चे को भी सही देखरेख ना मिले तो वे आगे जाकर शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत नहीं हो पाते. ऐसे में उन्हें तरह-तरह की बीमारियों के होने का भय बना रहता है. बच्चे के सुबह जगने से लेकर उसके खेलने-कूदने, खाने-पीने व सोने–जागने तक के बारे में माता-पिता को ध्यान देना चाहिए.

आइए बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो कि बेहद जरूरी भी है:
बच्चे को डालें ब्रेकफास्ट की आदत
बच्चों की सेहत से जुड़ी बहुत सारी बातें हैं जिस पर अमल करना बेहद जरूरी हैं. इसमें सुबह के ब्रेकफास्ट का सबसे अधिक महत्व होता है. सुबह का स्वस्थ ब्रेकफास्ट बच्चे को पूरे दिन एनर्जी देता है और उसे तंदुरुस्त भी रखता है. कई बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें सुबह का ब्रेकफास्ट करना पसंद नहीं होता. माएं भी बच्चे को बिस्किट के साथ दूध पिलाकर उन्हें स्कूल भेज देती हैं जो कि गलत है. ऐसे में उनके पसंद का सेहदमंद ब्रेकफास्ट बनाने का प्रयास करें क्योंकि बच्चे मनपसंद चीजें खाना चाहते हैं. अगर उन्हें पसंद की चीजें मिले तो वे उसे जरूर खाएंगे.
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बच्चे को सिखाएं हेल्थी आदतें
बच्चे दिन भर धूल-मिट्टी में खेलते हैं और खेलने के दौरान वे गंदे खिलौनों और अन्य चीजों को हाथों से छूते हैं. इसके बाद कई बार ऐसा होता है जब वे गंदे हाथों से ही खाना खाते हैं तो उस वक्त खाने के साथ गंदगी भी उनके अंदर चली जाती है. इस आदत की वजह से बच्चे को कई तरह बीमारियों के होने का खतरा बना रहा है. बेहतर होगा कि बच्चे में शुरू से ही खाने से पहले और खाने के बाद हाथ धोने की आदत जरूर डांलें. इसके साथ ही बच्चे को सुबह-शाम ब्रश करने, वॉशरूम जान, सही से नहाने आदि की आदतें डालना बेहद जरूरी होता है.

खाने को ना बनाएं बोरिंग
बच्चे खाना खाते वक्त काफी नखड़े करके खाते हैं. ऐसे में अगर आप उन्हें हमेशा एक जैसा खाने देंगे तो वह और भी बोरियत महसूस करेंगे. इसलिए बच्चे के खाने को हर वक्त थोड़ा मजेदार बनाने की कोशिश करनी चाहिए. हां, ध्यान रहे कि खाना ताजा व पौष्टिक हो! एक बेहतर उपाय यह है कि आपको बच्चे के साथ मार्केट में ऐसे फल और सब्जियों की खरीदारी करने भी जाना चाहिए जिनमें अधिक पौष्टिक तत्व हो. बाजार में इन चीजों को देखने पर बच्चे के मन में भी उसके प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी, तो फिर वह उसे खाने के प्रति आकर्षित होंगे.
दें संपूर्ण पौष्टिक आहार
जब बच्चा बढ़ रहा होता है तो उनका शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है. ऐसे बच्चों को संपूर्ण पौष्टिक आहार देना बेहद जरूरी होता है. इसमें आयरन, विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन आदि तमाम तत्व शामिल होने चाहिए. इसका सबसे बेहतर विकल्प फल और हरी सब्जियां ही है. बच्चों को शुरू से ही अधिक से अधिक फल और सब्जियां खिलाने की आदत डालें. देखा जाता है कि जो बच्चे हरी सब्जी व फल अधिक पसंद करते हैं उनका दिमागी विकास बहुत तेजी से होता है और उनके बीमार होने की संभावनाएं भी काफी कम रहती है.
जंकफूड से रखें दूरी
हर बार ऐसा देखा जाता है कि जंकफूड खाना बच्चे ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन यह बच्चे की सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं. बच्चे को इससे जहां तक संभव हो दूर रखना अति आवश्यक है. बच्चे को इससे दूर रखने की कई वजहें होती हैं क्योंकि जंकफूड हाई कैलरी युक्त लेकिन कम पौष्टिक होते हैं. इसे खाने के बाद बच्चे का पेट काफी देर तक भरा-भरा रहता है और वह पौष्टिक आहार नहीं खा पाते. पौष्टिक आहार नहीं मिलने की वजह से बच्चा अंदरूनी तौर पर कमजोर हो जाता है जिसका सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ध्यान रहे कि बच्चे को सेहतमंद रखने के लिए उसे कम से कम जंकफूड खाने को दे तभी यह सेहत के लिए लाभदायक भी सिद्ध होगा.

चोट, बुखार या इंफेक्शन का रखें ख्याल
बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिस वजह से वह ज्यादा बीमार पड़ते हैं. बच्चों को चोट लगने पर या बुखार आदि होने पर सही से ध्यान देना चाहिए. अगर घर में किसी को वायरल बुखार या सर्दी हो तो बच्चों को उनसे दूर रखना चाहिए. नहीं तो ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बच्च के बीमार होने की संभावना ज्यादा रहती है.
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आउट डोर स्पोर्ट्स के लिए करें प्रेरित
बच्चों के लिए आउटडोर गेम्स में भागीदारी लेना बेहद जरूरी है. बच्चे अगर आउटडोर गेम्स में एक्टिव हों तो उनका शारीरिक विकास काफी तेजी से होता है. जबकि वीडियो गेम्स या मोबाइल गेम्स बच्चों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं और उनकी सेहत पर बुरा असर डालते हैं। इनकी वजह से बच्चे की आंखें, दिमाग और कानों की समस्या भी हो सकती है.
डालें व्यायाम की आदत
व्यायाम करना हर किसी के लिए स्वास्थ्यकर होता है और जब यह आदत बचपन से ही डाली जाए तो और भी कारगर सिद्ध होगा. छोटी उम्र से ही बच्चे में इस आदत को डालना बेहद जरूरी है. चाहे आप अपने बच्चे को योगा क्लास ज्वाइन करवाएं या फिर बच्चे खूब दौड़े, साइकिल चलाएं या ऐसे खेल खेलें जिससे उनका शारीरिक श्रम हो. शारीरिक श्रम वाले खेलों से भी बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है. व्यायाम एक सशक्त माध्यम है स्वस्थ रहने का और यह आदत हर किसी के लिए लाभदायक सिद्ध होता है.