खतरनाक कोरोना वायरस से पूरी दुनिया दहशत में है. कोरोना वायरस से अब तक भारत में 10 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं पूरी दुनिया में ये आंकड़ा 13 हजार से भी ज्यादा हो चुका है. पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. भारत में कोरोना के 500 से भी ज्यादा मामले प्रकाश में आने के बाद सरकार ने लॉकडाउन के आदेश दे दिए हैं. (Parenting in lockdown)

लॉकडाउन होता क्या है? – Parenting in lockdown
यह एक आपातकालीन व्यवस्था है जिसका इस्तेमाल लोगों को एक निश्चित इलाकों में रहने के लिए किया जाता है. आमतौर पर इस प्रोटोकॉल की शुरुआत प्रशासन द्वारा होती है. इसकी घोषणा लोगों को बड़ी आपदाओं से बचाने के लिए किया जाता है. फुल लॉकडाउन यानी लोग अपने घरों से बिल्कुल बाहर नहीं निकल सकते जब तक कोई बहुत जरूरी काम ना हो या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी न हो. (Parenting in lockdown)
लॉकडाउन में सरकार का उद्देश्य होता है कि लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने से बचें. सरकार द्वारा सुझाए गए व्यवस्था पर अमल किया जाए और संक्रमण को रोकने के लिए जो भी उपाय स्थानीय प्रशासन सुझाता है उस पर अमल करना जरूरी होता है.
लॉकडाउन होने के बाद माता-पिता क्या करें?
अब लॉकडाउन होने के बाद माता-पिता की सबसे बड़ी समस्या बच्चों को घर में संभाल कर रखना होता है क्यूंकि बच्चे घर में रहना ही नहीं चाहते. इसलिए उन्हें कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए घर से बाहर जाने से रोकना अति आवश्यक है. हम यहां कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे बच्चों को टीवी, कंप्यूटर से दूर रखते हुए घर में व्यस्त रखना आसान होगा. साथ ही ये छुट्टी यादगार व मजेदार भी रहेगी.
आप इन 7 तरीकों से बच्चों को रखें व्यस्त
1. पेंटिंग – Parenting in lockdown
पेंटिंग करना और उनमें रंग भरना छोटे बच्चों को बहुत भाता है. इसलिए उन्हें पेंटिंग की सामग्री रंग, ब्रश व स्कैच बुक खरीदकर दीजिये दीजिये. बच्चे को उनकी मर्जी से ड्राइंग बनाने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे उनकी कल्पना शक्ति भी बढ़े और समय भी कट जाए. बच्चे अगर थोड़े बड़े हैं तो उन्हें कुछ विषय पर अपने विचार लिखने को उत्साहित करें साथ ही उन विचारों के साथ कहें की चित्र भी बनाए या फिर चित्रों के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करें. जिससे बच्चे का छिपा हुआ हुनर भी बाहर निकलेगा.
2. इंडोर गेम्स – Parenting in lockdown
अपने बच्चे को कुछ ज्ञानवर्धक इंडोर गेम्स खेलने के लिए दें ताकि दोपहर में वह घर में ही बैठकर उन गेम को खेलकर अपना समय व्यतीत कर सकें. उनके साथ आप भी गेम में हिस्सा ले सकते हैं. ताकि आपका समय भी आसानी से कट जाये. एक मजेदार गेम जिसमे बच्चे को कहे कि कुछ एक्ट करके दिखाएं और आप उस एक्ट को समझ कर बताएं, इसमें बच्चों को बड़ा मजा आता हैं.
3. कोलाज बनाएं – Parenting in lockdown
छोटे बच्चों का दिमाग बहुत ज्यादा एक्टिव होता है. जिस वजह से वे किसी भी चीज को बड़ी आसानी से सीख लेते हैं. उनकी क्रिएटिविटी निखारने के लिए कोलाज बनाएं जिसमें फैमिली फोटो का इस्तेमाल करे. आप अपने बच्चों से अपने सारे परिवार के सदस्यों के जन्मदिन या सालगिरह की एक चार्ट बनवाएं.
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4. बागबानी – Parenting in lockdown
छुट्टियों में आप बच्चों को घर के पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी दे सकते हैं. जैसे रोजाना पौधों की सफाई व उनमें पानी देना आदि. 1-2 गमलों में बीज भी डलवाएं और उनसे बोले कि प्रतिदिन उन गमलों को देखते रहें कि बीज कैसे फूटते हैं और आगे वे पौधों का रूप कैसे लेते हैं. ऐसे उन्हें उन पौधों से भी प्यार हो जाएगा और प्रकृति के प्रति संवेदनशील भी बनेंगे.
5. केक कुकीज बनाना सिखाएं
बच्चों को कुकिंग करने का भी बहुत शौक रहता है. उन्हें ऐसी चीजें बनाना सीखा सकते हैं जो बिना गैस के इस्तेमाल किए बनती हो. इसके अलावा अपने बच्चों को उनके पसंदीदा कुकीज बनाना सीखाएं. उन्हें आप छोटी-छोटी कुकिंग संबंधी जानकारी दे सकते हैं ताकि आपको उनसे थोड़ी मदद मिलेगी और बच्चों को आनंद भी मिलेगा. इसके फायदे हैं की बच्चे कुछ नया सीख लेंगे और आपका आराम होगा. चाहे तो उन्हें सलाद सजाना, सैंडविच बनाना, नूडल्स बनाना भी सीखा सकते हैं.
6. किताबें पढ़ना
लॉकडाउन की वजह से हुई इस छुट्टी में आप बच्चों में कुछ अच्छा व रोमांचक पढ़ने के लिए भी सोच सकते हैं. उन्हें अच्छे साहित्य, कॉमिक्स, बच्चों की मैगजीन, महापुरुषों कि कहानी और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने के प्रति प्रेरित करें. इससे उनमें पढ़ने के प्रति रूचि बढ़ेगी और शब्दों का भी ज्ञान होगा.
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7. साफ-सफाई के प्रति जागरूकता
कई बार बच्चों को अपने कमरे की सफाई करने की जिम्मेदारी दे और अपनी आलमारी, बुकशेल्फ और खिलौने को साफ करने को कहें. ऐसा करने से उनका समय भी व्यतीत होगा और वह सफाई के प्रति जागरूक भी होंगे. अगर घर में ज्यादा जगह हो तो बच्चों को अलग खेलने के लिए कमरा दें सकते हैं. फिर खेलने के बाद उसमे सामान संभालने की भी आदत डालें.
यह छुट्टी बच्चों के लिए परिवार की अहमियत समझने का बढियां मौका है. बच्चे की भावनाओं को भी शेयर करें जिससे आप अपने बच्चों के साथ रिश्ता और मजबूत बना सकते हैं.
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