प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) सामान्यतः 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में होती है. यह ग्लैंड अखरोट के आकार की ऐसी ग्रंथि है जो युरेथरा यानी पेशाब नली के चारों ओर होती है. यह ग्रंथी वीर्य में मौजूद एक द्रव्य पदार्थ का निर्माण करता है. उम्रदराज लोगों को ही यह बीमारी (Prostate Cancer in Hindi) ज्यादा होती है.
इसका एक मुख्य कारण है दिनचर्या व खानपान. प्रोस्टेट कैंसर पहले अमेरिका व यूरोपीय देशों में शुरू हुई थी. धीरे-धीरे इसका विस्तार एशिया में भी होने लगा है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पिछले दो दशकों में यह कैंसर भारत समेत एशियाई मूल के पुरुषों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है.

अमूमन यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला कैंसर है. ज्यादातर लोगों को इसके इलाज की जरूरत नहीं पड़ती. जबकि कई लोगों में यह बहुत तेजी से फैलता है और कभी-कभी तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.कम उम्र के पुरुषों में इसकी आशंका कम रहती है.
पुरुषों की मृत्यु का प्रमुख कारण है प्रोस्टेट कैंसर
वहीं अधिक उम्र के लोगों में इसके होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं. वर्तमान युग में प्रोस्टेट कैंसर
(Prostate Cancer) के लक्षणों को आसानी से पहचान कर समय रहते इसका इलाज शुरू किया जा सकता है. पूरे विश्व में पुरुषों की मृत्यु का छठा सबसे प्रमुख कारण प्रोस्टेट कैंसर है.
अगर हम इंडिया की बात करें तो यहां स्थिति दयनीय है. करीब 85 फीसद कैंसर का इलाज दवाओं से संभव है. जबकि करीब 15 फीसद में सर्जरी आवश्यक होती है. केवल यूके में सालाना 40 हजार पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer in Hindi) की शिकायत मिलती है जिसमें से करीब 11 हजार पुरुषों की हर साल मौत हो जाती है.
40 की उम्र के बाद सालाना इसकी जांच करवाएं. ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके और इलाज शुरू हो जाए. इसके लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है. अगर परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी रही हो तो इसका जांच और जरूरी हो जाता है.
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शोधकर्ताओं का कहना है कि 2026 तक ये आंकड़ा 15 हजार तक पहुंच सकता है. सिर्फ यूके में यह कैंसर मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है. अच्छी डाइट, रूटीन एक्सरसाइज व रेगुलर चेकअप भी प्रोस्टेट कैंसर समेत अन्य बीमारियों से बचा सकता है.
प्रोस्टेट कैंसर से बचने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स:

1. डेरी उत्पाद को कहें ना – Prostate Cancer in Hindi
डेरी उत्पाद प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के खतरे को बढ़ा देता है. दूध से बने बहुत सारे ऐसे उत्पाद हैं जो फैट व कोलेस्टेरोल से भरे होते हैं. जिसका प्रोस्टेट पर बुरा प्रभाव पड़ता है. प्रोस्टेट कैंसर से निदान के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है. व्यायाम करने पर इसके इलाज में सुविधा होती है.
2. तला भोजन ना करें – Prostate Cancer in Hindi
नॉन ऑर्गेनिक आलू में कई जहरीले पदार्थ पाए जाते हैं. इसके गुदे में जमा रसायन को हटाना संभव नहीं होता. इससे बचाव के लिए ऑर्गेनिक आलू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है.
ज्यादा फ्राई किया हुआ आलू खाने के साथ-साथ आलू का चिप्स भी सैचुरेटेड फैट व नमक से भरा होता है. आलू में एस्पराजाइन नामक अमीनो एसिड होता है. इसे 248 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा गर्म करने पर यह एक्राइलामाइड बनाता है. इसी की वजह से कैंसर होता है.
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3. कॉफी व शराब का सेवन है घातक – Prostate Cancer in Hindi
शराब व कॉफी का सेवन करना भी प्रोस्टेट के लिए हानिकारक है. शोध की मानें तो कॉफी पीने से ब्लैडर में जलन होती है. कॉफी से प्रोस्टेट की स्थिति में परिवर्तन आता है. कैफीन की तरह ही शराब पीने पर यूरीन उत्पादन बढ़ता है.
यूरीन डिस्चार्ज करते वक्त जलन की समस्या होती है. शराब का सेवन करते वक्त आप भारी मात्रा में तरल पदार्थ को ग्रहण करते हैं. इससे संवेदनशील प्रोस्टेट पर दबाव बढ़ता है. अगर आप शराब व कॉफी का ज्यादा सेवन नहीं करते हैं तो इस समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है.

4. लाल मांस नुकसानदेह – – Prostate Cancer in Hindi
लाल मांस का सेवन करने से प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) का खतरा तेजी से बढ़ जाता है. शोध के मुताबिक अधिक लाल मांस खाने वालों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम लाल मांस खाने वालों की तुलना में अधिक होता है. ज्यादा लाल मांस खाने वालों में प्रोस्टेट कैंसर कम वालों की तुलना में 12 फीसद व एडवांस कैंसर का खतरा 33 फीसद अधिक होता है.
5. डिब्बाबंद भोजन से परहेज – Prostate Cancer in Hindi
डिब्बाबंद भोजन भी प्रोस्टेट को बढ़ावा देने में सहायक होता है. टमाटर व टमाटर से बने अन्य उत्पादों में लाइकोपेन की मात्रा होती है. यह एसिडिक होता है इसलिए बिस्फेनॉल-ए इसमें घुल सकता है. बेहतर है इससे खाने से परहेज किया जाए.
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