आमतौर पर बच्चे 4-5 साल की उम्र में स्कूल जाने लगते हैं. शुरुआती सालों में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में खेल-कूद और शिष्टाचार के कुछ तरीके सिखाए जाते हैं. बच्चों के लिए स्कूल एक नया अनुभव होता है. कुछ बच्चे इस नए माहौल में तेजी से ढल जाते हैं वहीं कुछ बच्चों को समय लगता है. बच्चा जब स्कूल में थोड़ा एक्टिव रहने लगता है तो खेल-कूद के दौरान या कई बार घर से स्कूल जाने के दौरान कई तरह की गलतियां करता है. बच्चों की बुरी आदतें (Kids bad habits) उनके स्वास्थ्य और शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसलिए अगर आपका बच्चा भी स्कूल जाने वाला है तो इन बातों का ध्यान रखें और ये 5 गलतियां न करें-
1. हैवी बैग्स ले जाना – Kids bad habits
आजकल स्कूलों में बच्चों पर शुरुआत से ही सिलेबस का इतना बोझ बढ़ा दिया जाता है कि बच्चा अपना बचपन भी ठीक से नहीं जी पाता है. जितना सिलेबस बढ़ता है उतना ही बच्चे का बैग भी बढ़ता जाता है. आपको भी अपने आस-पास छोटे-छोटे बच्चे भारी भरकम बैग लिए हुए दिख जाएंगे. इन भारी बैग्स के कारण बच्चों के बैक बोन में छोटी उम्र से ही प्रभाव पड़ने लगता है और वो आगे की तरफ झुक जाते हैं. बाद में उन्हें पीठ दर्द, कमर दर्द और अन्य प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.

2. पर्याप्त नींद न लेना – Kids bad habits
शोध में पता चला है कि स्कूल जाने के दौरान बच्चों में नींद की कमी हो जाती है और उनमें देर से सोने की आदत हो जाती है. इस कारण उनकी पढ़ाई तो प्रभावित होती है साथ ही साथ उनमें स्लीप एप्निया, मोटापा आदि समस्याएं भी हो जाती हैं. इसके अलावा रिसर्च में पाया गया है कि कम सोने वाले बच्चों को भाषा सीखने में परेशानी होती है और उनके सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है. स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को कम से कम 8-9 घंटे की नींद लेना जरूरी है. बच्चों को अगर आप रोज एक ही समय पर सुलाते हैं तो इससे उनकी उसी समय सोने की आदत बन जाती है.
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स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को कम से कम 8-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
3. अस्वस्थ आहार – Kids bad habits

आजकल बच्चों में फास्टफूड्स, चाइनीज और जंक फूड्स का चलन बढ़ गया है. अस्वस्थ आहार के कारण बच्चे छोटी उम्र में ही मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. बच्चों में इस तरह के फूड्स की आदत को धीरे-धीरे छुड़ा कर उनमें हेल्दी और पौष्टिक खानों की आदत डालनी चाहिए.
जब भी बच्चे क बाहर घुमाने ले जाएं, तो उसे घर से ही कुछ खिला दें जिससे बच्चे को घूमने के दौरान भूख न लगे. इसके अलावा बच्चों के टिफिन बॉक्स में पौष्टिक चीजें डालें। हेल्दी चीजों को अगर आप अलग-अलग फल और सब्जियों की मदद से रंगीन बनाएंगे तो बच्चों को ये देखने में अच्छे लगेंगे और वो इसे आसानी से खा लेंगे.
4. शारीरिक व्यायाम की कमी – Kids bad habits
आजकल बच्चों को शारीरिक व्यायाम की आदत बिल्कुल नहीं रही है. अब आउट डोर गेम्स से ज्यादा बच्चे मोबाइल, कंप्यूटर, टैबलेट आदि पर गेम्स खेलने के शौकीन हो रहे हैं. इसके कारण बच्चों की शारीरिक मेहनत नहीं हो पाती है.
स्कूल में बच्चों को खेलने का मौका दिया जाता है मगर सिलेबस और मार्क्स के दबाव में कई बार बच्चा स्कूल में भी नहीं खेल पाता है. ऐसे में बिना शारीरिक मेहनत के बच्चे के शरीर को मोटापा कमजोरी और नींद की कमी जैसी कई गंभीर बीमारियां घेरने लगती हैं. बच्चों के सम्पूर्ण शारीरिक विकास के लिए शारीरिक व्यायाम और खेलकूद जरूरी है. आप बच्चों को आउट डोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
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5. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल – Kids bad habits
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को लेकर बच्चों में जबरदस्त क्रेज देखा गया है. आजकल बच्चे बोलना और चलना सीखने से पहले ही मोबाइल, कंप्यूटर, टैबलेट आदि का प्रयोग सीख रहे हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों में कंप्यूटर गेम्स, मोबाइल गेम्स, सॉन्ग्स आदि को लेकर आकर्षण देखा जा रहा है. इनमें से बहुत से गेम और गाने तो ऐसे हैं जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं और बच्चों के मनोविज्ञान को गलत तरह से प्रभावित करत हैं. स्क्रीन वाले गैजेट्स के इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर प्रभाव पड़ रहा है और बहुत से बच्चों को छोटी उम्र में ही चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस आदि का सहारा लेना पड़ता है.