अच्छी सेहत कौन नहीं चाहता. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है. वर्तमान समय में देखें तो लोगों में हेल्थ के प्रति काफी जागरुकता आई है. बड़े अपने बच्चों के साथ-साथ खुद की भी सेहत का ख्याल रख रहे हैं. पर इतनी जागरुकता के बावजूद लोगों को उनकी बीमारी का पता समय पर नहीं चल पाता. देरी से बीमारी की जानकारी होने की वजह से उनका सही इलाज नहीं हो पाता. जिस कारण उनकी मौत तक हो जाती है.

बीमारी को अगर होने से पहले रोक लिया जाए तो बहुत सारी परेशानियों से निजात मिल सकती है. विश्व भर के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ही प्रति वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस (world health day) का पालन किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिवस का पालन किया जाता है. ताकि भविष्य को रोगमुक्त किया जा सके.
“स्वस्थ रहें हम सब, स्वच्छ रहें हम सब”
रहें सतर्क…
वर्तमान दौर में देखें तो अधिकांश आबादी विभिन्न तरह के रोगों से ग्रस्त है. कई बार देखा जाता है कि जिन बीमारियों को जागरुकता के आधार पर रोका जा सकता था लेकिन नहीं हो पाता है. बीमारी के गंभीर रूप धारण करने के बाद उसकी जानकारी मिलती है. जिसके बाद हर किसी के लिए समस्या उत्पन्न हो जाती है. इनमें एक सामान्य बीमारी है तनाव व डिप्रेशन. अधिकांश घरों में तनाव में रहने वाले लोग मिले जाते हैं.
तनाव स्वस्थ जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित करता है. इस तनाव की वजह से आपके दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव तो पड़ता ही है. इसके अलावा टेंशन आपको शारीरिक रूप से भी परेशान कर देता है. जब आप तनाव में होते हैं तो आपके तमाम क्रिया कलाप अनियमित हो जाते हैं. ना आप सही वक्त पे भोजन करते हैं और ना ही पर्याप्त नींद ले पाते हैं. यही आदत कई बीमारियों की वजह बन जाती है. बीमारियों को अपने अंदर घर करने से पहले ही अगर आप सावधान हो जाएं तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है.
आइये विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में जानते हैं:
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी. डब्ल्यूएचओ संयुक्त राष्ट्र संघ की ही एक इकाई है. इसके सदस्यों में 194 देश शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ की हेड ऑफिस जेनेवा में है. इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था को ऊंचा बनाए रखना है.

वर्ल्ड हेल्थ डे की शुरुआत (The beginning of World Health Day)
डब्ल्यूएचओ ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर 7 अप्रैल 1950 से इस दिवस का पालन करने की शुरुआत की थी. विश्व स्वास्थ्य दिवस (world health day), विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित 8 आधिकारिक वैश्विक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है. जिसमें विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह, विश्व मलेरिया दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व एड्स दिवस, विश्व रक्त दाता दिवस व विश्व हेपेटाइटिस दिवस भी शामिल है.
स्वास्थ्य दिवस का पालन (Observance of health day)
इस वर्ष 71वें विश्व स्वास्थ्य दिवस (world health day) का पालन किया जा रहा है. इस मौके पर तमाम स्वास्थ्य संगठन, स्वयं सेवी संगठन, सरकारी व गैरसरकारी संगठनों की तरफ से कार्यक्रम आयोजित होते हैं. स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति विश्व स्तर पर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन दुनिया भर में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसके लिए एक खास विषय यानी कि थीम का चुनाव किया जाता है. साल 1995 में इसका थीम वैश्विक पोलियो उन्मूलन था. तब से अब तक इस घातक बीमारी से ज्यादातर देश मुक्त हो चुके हैं. बाकि देशों में जागरुकता का स्तर काफी बढ़ा है.

वर्ल्ड हेल्थ डे(world health day) के मौके पर तमाम स्वास्थ्य संगठनों समेत सरकारी, गैर-सरकारी संस्थााएं और एनजीओ कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं. इस दिन विशेष हेल्था कैंप लगाए जाते हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए नुक्कोड़ नाटकों का आयोजन भी होता है और साथ ही कला प्रदर्शनी भी लगाई जाती है. स्कूल-कॉलेजों में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी होती हैं. स्वास्थ्य कैंप के अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जाता है. स्कूल-कॉलेजों में वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन होता है.
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कुछ बीमारियों व उसके प्रति सावधानी के बारे में जानना जरूरी है –
गंभीर समस्या…
तनाव व डिप्रेशन (Stress and Depression)
अगर आप तनावग्रस्त हैं तो सबसे पहले नींद पर ध्यान रखें. आपके लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है. क्या आफ भी मानसिक रूप से बीमार या डिप्रेशन का शिकार हैं? अगर हां तो ऐसे समय में आपको परिवार के साथ अधिक से अधिक वक्त बीताने की जरूरत है. दोस्तों के साथ भी समय बीताएं और हो सके तो अपनी समस्या उनके साथ साझा करें. ऐसे में आपके मस्तिष्क को राहत मिलेगी. आप को सुकून का अनुभव होगा. खुद को प्रोत्साहित करने का प्रयास करें. हर वक्त सकारात्मक रहें.
आपका सामाजिक रूप से सक्रिय रहना भी व्यस्त बनाए रखता है. व्यस्त रहने पर आपका ध्यान तनाव वाले कारणों की तरफ नहीं जाएगा. काम में व्यस्तता की वजह से आपका ध्यान बंटा रहता है. ध्यान बंटे रहने पर आप सकारात्मक नुभव करते हैं. एक बेहतर उपाय यह भी है कि आप अपनी खूबियों और अब तक की उपलब्धियों की सूची तैयार करें. भविष्य में कुछ बेहतर करने की योजना बनाएं. तनाव के वक्त सबसे जरूरी है स्वयं से प्रेम करना. सामने आने वाली हर परिस्थिति, हर चीज को सकारात्मक नजरिये से देखें.
एलर्जी
प्रदूषण की वजह से आज कल नाक की एलर्जी का मामला काफी सामने आ रहा है. शुरू के दिनों में ही अगर इसका ध्यान रखा जाए तो इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है. अन्यथा यही एलर्जी धीरे-धीरे सायनस का रूप धारण कर लेती है. यह नाक की एलर्जी अस्थमा में भी तब्दील हो जाती है. धूप व प्रदूषण वाली जगह पर जाते वक्त नाक पर रूमाल या मास्क लगा कर रखें.
निःसंतानता की समस्या
महिलाओं में निःसंतानता की बीमारी मानों सामान्य हो गई है. इस बीमारी की कई वजहें हैं. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण वजह है अधिक उम्र में शादी होना. शरीर में स्थित बायोलॉजिकल क्लॉक 35 वर्ष की आयु में धीमी हो जाती है. जिस कारण 35 वर्ष की उम्र के बाद गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा शादी के बाद काफी समय तक संतानोत्पत्ति रोक कर रखना. गर्भधारण में परेशानी होने पर भी डाक्टरी परामर्श नहीं लेना.
व्यायाम…
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए व्यायाम कितना जरूरी है यह तो आप भली भांति जानते ही होंगे. इसलिए अपनी रूटीन में नियमित रूप से व्यायाम को शामिल कर लें. ध्यान रखें वर्ष में कम से कम एक बार अपना चेकअप जरूर करवा लें. इसके लिए जरूरी नहीं कि जब आप बीमार हों तभी स्वास्थ्य की जांच करवाएं. अगर आप बीमार होने से पहले ही सावधान हो जाते हैं तो रोग आप तक पहुंच ही नहीं पाएगा. कोशिश करें कि बाहर के खाने का त्याग कर हर संभव घर का ही खाना खाएं. सेहत को ख्याल रखते हुए वक्त पर और संयमित भोजन करें.

छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना
विश्व स्वास्थ्य दिवस (world health day) पर गर्मियों में होने वाली बीमारियों के प्रति सावधान रहें. छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर आप गर्मियों में खाने से होने वाली बीमारियों से दूर रह सकते हैं. साफ किचेन भी आपके स्वस्थ शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जिसमें किचेन की सफाई के साथ-साथ साफ बर्तन, साफ सब्जियां व खाना संबंधी अन्य सामग्रियों को साफ-सुथरा रखें.
पके हुए व कच्चे खाने को अलग-अलग रखना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर खाने के खराब होने की संभावना रहती है. कोशिश करें कि हमेशा ताजा खाना ही खाया जाए. पके हुए खाने को 2 घंटे के अंदर खा लें, नहीं तो फिर फ्रिज में रख दें. खाने को ज्यादा समय तक बाहर रखने पर उसमें कीटाणु पैदा हो जाते हैं.
स्वस्थ शरीर ही सबसे उत्तम धन है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है. इसलिए आप भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सदैव सतर्क रहें. यहां दी गई विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़ी जानकारी हासिल कर लाभ अवश्य उठाएं. और अपने अनुभव को ‘योदादी’ के साथ कमेंट कर जरूर शेयर करें. #worldhealthday